India Pakistan Conflict : कश्मीर में हुए एक हालिया आतंकी हमले ने भारत और पाकिस्तान के बीच पहले से ही नाजुक रिश्तों में और तनाव पैदा कर दिया है। इस घटना ने शेयर बाजार के निवेशकों को चिंता में डाल दिया है, जिसके चलते पिछले कुछ कारोबारी सत्रों में मुनाफावसूली (Profit Booking) देखी गई है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस बढ़ते तनाव के कारण बाजार का माहौल सतर्क बना रह सकता है। पिछले हफ्ते, निफ्टी-50 24,039 अंकों पर और बीएसई सेंसेक्स 79,212 अंकों पर बंद हुआ था। हालांकि पिछले हफ्ते सकारात्मक वैश्विक संकेतों के कारण भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों ने तेजी के साथ शुरुआत की थी, लेकिन बाद में कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव ने मुनाफावसूली को बढ़ावा दिया और बाजार में गिरावट आई। कश्मीर में पर्यटकों पर हुए इस हमले के बाद पर्यटन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ने की आशंका जताई जा रही है, जिसके चलते होटल और विमानन क्षेत्र के शेयरों में बिकवाली का दबाव देखा गया।
India Pakistan Conflict देखो और इंतजार करो
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के विनोद नायर का कहना है कि भारत ने हमेशा अपनी मजबूत घरेलू अर्थव्यवस्था के बल पर भू-राजनीतिक परिस्थितियों के प्रति उल्लेखनीय लचीलापन दिखाया है। नायर ने आगे कहा, “भू-राजनीतिक तनावों का मूल्यांकन करने के लिए विदेशी निवेशक निकट भविष्य में ‘देखो और इंतजार करो’ की रणनीति अपना सकते हैं। भारत का अतीत और उसकी जीवंत घरेलू अर्थव्यवस्था को देखते हुए, बाजार ने भू-राजनीतिक कारकों के दौरान भी मजबूत प्रतिरोधक क्षमता दिखाई है। यदि और गिरावट आती है, तो यह दीर्घकालिक निवेशकों के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले शेयरों को जमा करने का एक उत्कृष्ट अवसर होगा।”
मार्केट में अस्थिरता
बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव आने वाले दिनों में भारतीय बाजार में अनिश्चितता ला सकता है। आनंद राठी की एक रिपोर्ट बताती है कि, 2001 में हुए संसद हमले को छोड़ दें तो, भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ने पर भारतीय शेयर बाजार में कभी भी 2% से ज़्यादा की गिरावट नहीं देखी गई है। यहाँ तक कि 2001-02 के संसद हमले के दौरान जो गिरावट आई थी, वह भी संभवतः वैश्विक परिस्थितियों के कारण ज़्यादा हुई थी, क्योंकि उस दौरान एसएंडपी 500 में लगभग 30% की गिरावट आई थी। इसलिए, भारत-पाकिस्तान के वर्तमान तनाव से भारतीय बाजार में कुछ अस्थिरता तो आ सकती है, लेकिन ऐतिहासिक रूप से देखा जाए तो इसका प्रभाव सीमित रहने की संभावना है।
Share Market this Week
भारत-पाकिस्तान तनाव: निवेशकों की निगाहें, बाजार पर असर इस सप्ताह अंत में, निवेशक भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी नए सैन्य घटनाक्रम पर गहरी नजर रख रहे हैं। बाजार सोमवार को किस तरह खुलेगा, यह पूरी तरह से इसी पर निर्भर करेगा। एंजल वन के इक्विटी तकनीकी विश्लेषक, राजेश भोसले का कहना है, “शुक्रवार को भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के कारण भारी बिकवाली हुई, जिसने सप्ताह की शुरुआत में आई तेजी को खत्म कर दिया।”
What the charts say
निफ्टी ने फरवरी-मार्च के उच्च स्तर को पार कर लिया है, जो चार्ट पर एक मजबूत तेजी के संकेत को दर्शाता है। शुक्रवार को, 23900 से 23800 के आसपास के ब्रेकआउट क्षेत्र पर महत्वपूर्ण समर्थन देखा गया, जो एक निर्णायक स्तर साबित हुआ है। मजबूत तेजी का संकेत: निफ्टी ने फरवरी-मार्च के उच्चतम स्तर को पार करके बाजार में मजबूती दिखाई है। महत्वपूर्ण समर्थन: 23900-23800 का क्षेत्र महत्वपूर्ण समर्थन बना हुआ है। यह स्तर बाजार के लिए एक मजबूत नींव का काम कर रहा है। संभावित गिरावट: यदि भू-राजनीतिक तनाव बढ़ता है या समर्थन टूटता है, तो 23500-23300 के स्तर तक गिरावट आ सकती है। ऐसे में निवेशकों को सतर्क रहने की सलाह दी जाती है। तत्काल प्रतिरोध: 24250-24350 के स्तर पर तत्काल प्रतिरोध देखा जा रहा है। अगर निफ्टी इस स्तर को पार करता है तो और तेजी देखने को मिल सकती है। सारांश: निफ्टी में तेजी का रुख बरकरार है, लेकिन भू-राजनीतिक तनाव और महत्वपूर्ण समर्थन स्तर के टूटने की स्थिति में गिरावट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। निवेशकों को सलाह दी जाती है कि वे बाजार की गतिविधियों पर नजर रखें और सावधानी बरतें।
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