Zomato Share Price : फूड डिलीवरी प्लेटफॉर्म ज़ोमैटो की मूल कंपनी, Eternal Limited ने एक बड़ा फैसला लेते हुए विदेशी संस्थागत निवेशकों (Foreign Institutional Investors – FIIs) की हिस्सेदारी पर रोक लगाने का निर्णय लिया है। इस खबर के सामने आते ही सोमवार को कंपनी के शेयरों में 2.3% की बढ़त देखी गई। दरअसल, Eternal ने स्वयं को ‘भारतीय स्वामित्व और नियंत्रण’ वाली कंपनी घोषित करने का फैसला किया है। कंपनी का मानना है कि यह कदम उसे भारतीय कानूनों और विनियमों के अनुरूप बनाए रखने में मदद करेगा। कंपनी के इस निर्णय पर वैश्विक ब्रोकरेज हाउस जेफरीज (Jefferies) और सीएलएसए (CLSA) की प्रतिक्रियाएं भी आई हैं। दोनों ही ब्रोकरेज हाउसों का मानना है कि Eternal का यह कदम कंपनी की दीर्घकालिक रणनीति का हिस्सा है और इससे कंपनी को भविष्य में फायदा हो सकता है।
Zomato Share टारगेट प्राइस
जेफ़रीज़ ने ज़ोमैटो के शेयरों पर अपनी ‘होल्ड’ रेटिंग को बनाए रखा है और 255 रुपये का लक्ष्य मूल्य निर्धारित किया है। ब्रोकरेज हाउस का मानना है कि एटरनल द्वारा उठाए गए कदमों से कंपनी के मुनाफे (मार्जिन) में मामूली वृद्धि संभव है, लेकिन इसका असर धीरे-धीरे ही महसूस होगा। जेफ़रीज़ की रिपोर्ट में एक चिंता यह भी जताई गई है कि विदेशी निवेशकों (एफपीआई) पर नियंत्रण लगाने से कंपनी को MSCI इंडेक्स में कम महत्व मिलने या पूरी तरह से बाहर होने का खतरा हो सकता है। इसके साथ ही, जेफ़रीज़ ने एक तकनीकी मुद्दे की ओर ध्यान आकर्षित किया है – यदि मतदान से पहले किसी भी कारण से विदेशी स्वामित्व 49.5% से अधिक हो जाता है, तो उस स्थिति में क्या कार्यवाही की जाएगी, इस बारे में अभी तक कोई स्पष्ट जानकारी उपलब्ध नहीं है।
BlinkIt को हो सकता है फायदा
कंपनी की रणनीति के अनुसार, Eternal का लक्ष्य हमेशा एक स्थानीय कंपनी बने रहना है। इस योजना के तहत, Zomato की फूड डिलीवरी यूनिट, Blinkit को 1P (फर्स्ट-पार्टी) इन्वेंटरी मॉडल अपनाने का अवसर मिलेगा। इससे उत्पादों पर नियंत्रण और मूल्य निर्धारण में अधिक लचीलापन आएगा। हालांकि, इस मॉडल से निवेश पर लाभ (ROI) में नाटकीय रूप से सुधार होने की संभावना कम है और इसके लिए अधिक कार्यशील पूंजी की आवश्यकता होगी।
Zomato अन्य एक्सपर्ट की राय
सीएलएसए (CLSA) ने एटरनल (Eternal) पर अपनी ‘खरीदें’ (BUY) की रेटिंग को बनाए रखा है और लक्ष्य मूल्य 375 रुपये निर्धारित किया है। सीएलएसए का मानना है कि भारतीय स्वामित्व और नियंत्रण संरचना ब्लिंकिट (Blinkit) को अपने प्रतिद्वंद्वियों पर एक रणनीतिक लाभ प्रदान करेगी। इस परिवर्तन से ब्लिंकिट अपने पैमाने का लाभ उठाकर उत्पाद विविधता और कीमतों में अधिक विकल्प प्रदान करने में सक्षम होगा। सीएलएसए के अनुसार, कंपनी की बैलेंस शीट मजबूत है और वह इसका उपयोग बेहतर छूट और सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए कर सकती है। इसके परिणामस्वरूप मार्जिन में सुधार की भी संभावना है। हालांकि, सीएलएसए ने यह भी स्वीकार किया है कि विदेशी निवेश सीमा निर्धारित करने से कुछ सूचकांकों (Indexes) में भार कम हो सकता है, लेकिन इससे सक्रिय निवेशकों के लिए अधिक अवसर उपलब्ध हो सकते हैं।
Zomato की ‘Eternal’ रणनीति: भारतीय टेक कंपनियों के लिए एक नया रास्ता? Zomato की ‘Eternal’ योजना भारतीय तकनीकी कंपनियों के लिए एक संभावित नया मॉडल स्थापित कर सकती है, जिसमें विदेशी निवेश को स्वीकार करते हुए घरेलू नियंत्रण को सर्वोपरि रखा जाएगा। यह रणनीति विदेशी पूंजी और भारतीय स्वामित्व के बीच संतुलन बनाने की कोशिश करती है। हालांकि, इस राह में कुछ चुनौतियां भी हैं। MSCI इंडेक्स में संभावित गिरावट और विदेशी हिस्सेदारी की सीमाओं को लेकर सवाल उठ सकते हैं। यह देखना दिलचस्प होगा कि यह रणनीति दीर्घकाल में Zomato को किस हद तक लाभान्वित कर पाती है। निवेशकों की निगाहें इस बात पर टिकी रहेंगी कि क्या Zomato इस नई रणनीति के साथ सफलता की नई ऊंचाइयों को छू पाता है।
Disclaimer: यह लेख केवल जानकारीपूर्ण उद्देश्यों के लिए है। इसे किसी भी तरह से निवेश सलाह नहीं माना जाना चाहिए। शेयर बाजार में निवेश जोखिम पर आधारित है। शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने वित्तीय सलाहकार से सलाह लें।
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